निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को, वो रूठें तो हमारी दुनियां ही रूठ जाए। निगाहें बैठी हैं तस्सबुर जिस हूर के दीदार को, वो रूठें तो हमारी दुनियां ही र...
लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है। लिखते लिखते फ़िर कलम भी साथ निभाता है बन के अभिव्यक्ति किताब पे छप जाता है।
मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता! मैं अधूरा हूँ... तुम होती तो... शायद पूरा होता!
मेरे दिल का हर राज़ लेते हुए नील स्याह बन गिरते। मेरे दिल का हर राज़ लेते हुए नील स्याह बन गिरते।
शिकायत कोइ तुझसे नहीं, अभी खुद से पूछने है हमे सवाल कई। शिकायत कोइ तुझसे नहीं, अभी खुद से पूछने है हमे सवाल कई।
कोई दरवेश की खामोश दुआओं जैसी उसके लहजे से महकती हुई नरमाई कोई दरवेश की खामोश दुआओं जैसी उसके लहजे से महकती हुई नरमाई